सीहोर के लाल पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने सूरत में रचा इतिहास

सीहोर के लाल पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने सूरत में रचा इतिहास

शिवमहापुराण कथा का अद्भुत समापन

सीहोर के लाल पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने सूरत में रचा इतिहास

सूरत के खरवासा मंदिर के पास वेदांत सिटी में चल रही श्री शिवमहापुराण कथा का समापन दिवस बेहद विशेष और भावुक कर देने वाला रहा। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक और भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा जी (सीहोर वाले) के सुमधुर वचनों ने लाखों शिवभक्तों को मोहित कर लिया।

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लाखों भक्तों की भीड़ ने बनाया ऐतिहासिक पल

कथा के अंतिम दिन शिव पंडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। लाखों शिवभक्तों की तादाद ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। पंडाल में हर दिशा से ‘हर-हर महादेव’ की गूंज सुनाई दे रही थी, जो भक्तों के जोश और शिवभक्ति का प्रमाण थी।

लुटा दिया भण्डार काशी वाले ने लिरिक्स

पंडाल की अद्भुत सजावट और भक्तों की श्रद्धा

कथा स्थल को बेहद भव्य और दिव्य तरीके से सजाया गया था। शिवलिंग, ओम और त्रिशूल जैसे प्रतीक हर जगह नजर आ रहे थे। भक्तों की आस्था और उनकी आंखों में भक्ति का प्रकाश वातावरण को और पवित्र बना रहा था।

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पंडित प्रदीप मिश्रा जी के वचन

पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कथा के दौरान भगवान शिव की महिमा, उनके आदर्शों और जीवन में उनकी प्रासंगिकता को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया। उनकी वाणी ने सभी भक्तों के दिलों में शिवभक्ति का दीप प्रज्वलित कर दिया। उन्होंने कहा:

“शिव केवल आराध्य नहीं, वह जीवन का मार्गदर्शक भी हैं। उनकी पूजा करने से न केवल मन शुद्ध होता है, बल्कि जीवन की सभी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।”

शिवमहापुराण कथा का महत्व

इस कथा में भगवान शिव के जीवन के विभिन्न प्रसंग, उनके उपदेश और उनके भक्तों के साथ उनके संबंधों की प्रेरणादायक कहानियां सुनाई गईं। कथा ने भक्तों को यह संदेश दिया कि शिवभक्ति से हर मुश्किल राह आसान हो जाती है।

सूरत के भक्तों ने दिखाया अद्वितीय उत्साह

सूरत के लोगों ने इस आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कथा स्थल पर व्यवस्था, सेवा और सत्कार का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। हर व्यक्ति शिवभक्ति में डूबा हुआ था।

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शिवभक्तों के लिए अमूल्य अनुभव

इस कथा के माध्यम से न केवल भक्तों को भगवान शिव के दिव्य संदेश सुनने को मिले, बल्कि यह आयोजन उनके जीवन में एक गहरी छाप भी छोड़ गया।

आगामी कथाओं की जानकारी

पंडित प्रदीप मिश्रा जी की आगामी कथाओं की जानकारी के लिए आप उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पेज पर जुड़े रह सकते हैं।

“हर-हर महादेव” के उद्घोष के साथ यह आयोजन सभी के दिलों में एक गहरी स्मृति छोड़ गया। इस पावन अवसर के लिए सभी भक्तों का धन्यवाद।

महाकुंभ मेला 2025 में पं. प्रदीप मिश्रा जी की कथा

सीहोर के लाल पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने सूरत में रचा इतिहास

प्रदीप मिश्रा जी के भजन लिरिक्स

  1. ओ डमरू वाले ओ काशी वाले लिरिक्स
  2. कब से खड़े है झोली पसार क्यों ना सुने तु मेरी पुकार लिरिक्स
  3. शंकर भोलानाथ है हमारा तुम्हारा लिरिक्स
  4. तेरे डमरू की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं लिरिक्स
  5. शंभू शरणे पड़ी मांगू घड़ी रे घड़ी दुख काटो लिरिक्स
  6. डमरू वाले आजा तेरी याद सताए लिरिक्स
  7. लुटा दिया भण्डार काशी वाले ने लिरिक्स
  8. अब दया करो हे भोलेनाथ मस्त रहूं तेरी मस्ती में लिरिक्स
  9. पशुपति व्रत संपूर्ण विधि – पंडित प्रदीप मिश्रा
  10. दिल तुझको दिया ओ भोले नाथ लिरिक्स
  11. जो शिव नाम होठों पे चढ़ गया रे लिरिक्स
  12. शिव के सिवा कहीं दिल ना लगाना लिरिक्स
  13. तुम आना भोले बाबा मेरे मकान में लिरिक्स