भारत की सनातन संस्कृति में महाकुंभ का विशेष महत्व है, जिसे मोक्षदायिनी गंगा मईया की गोद में संतों और भक्तों का महापर्व कहा जाता है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा को जागृत करने और ईश्वरीय चेतना से जुड़ने का अद्वितीय अवसर है।
इसी पुण्य अवसर पर पूज्य गुरुदेव जी ने प्रयागराज महाकुंभ में पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज, पूज्यश्री स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज एवं पूज्य श्री सतुआ बाबा जी से आत्मीय भेंट की। इस मिलन के दौरान धर्म, भक्ति और राष्ट्र कल्याण के विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
संत समागम: दिव्य ऊर्जा का प्रवाह
सनातन धर्म में संतों का संगम अत्यंत शुभ माना जाता है। जब महापुरुष एक साथ बैठते हैं, तो वहाँ केवल ज्ञान, प्रेम और भक्ति की धारा प्रवाहित होती है। इसी दिव्यता का साक्षी बना प्रयागराज महाकुंभ 2025, जहाँ पूज्य गुरुदेव जी ने विभिन्न संत महापुरुषों से आत्मीय चर्चा की और अध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया।
पूज्य संतों की विशेष उपस्थिति:
🌿 पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज – श्रीमद्भागवत कथा के सुप्रसिद्ध वक्ता, जिन्होंने धर्म और भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला।
🌿 पूज्यश्री स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज – जूना अखाड़े के प्रमुख संत, जो सनातन धर्म की रक्षा और साधना के महत्व पर प्रेरणादायक प्रवचन कर रहे हैं।
🌿 पूज्य श्री सतुआ बाबा जी – गंगा सेवा और भक्ति आंदोलन के प्रमुख मार्गदर्शक, जिनका शिव महापुराण कथा में विशेष योगदान है।
यह संत समागम न केवल आध्यात्मिक रूप से प्रेरणादायक था, बल्कि हजारों श्रद्धालुओं के लिए एक दुर्लभ अवसर भी बना।
श्री शिव सेवा महापुराण कथा – प्रथम दिवस की झलकियाँ
कथा स्थल:
🚩 श्री सतुआ बाबा सेवा शिविर
📌 स्थान: लोवर संगम मार्ग, महावीर चौराहा, पानी सतुआ 1, त्रिवेणी संगम किनारे, खाक चौक सेक्टर 21
प्रयागराज महाकुंभ में श्री शिव सेवा महापुराण कथा का आयोजन भक्तों के लिए एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव रहा। इस कथा के माध्यम से भगवान शिव की लीलाओं, उनकी भक्ति और साधना के महत्व को विस्तार से बताया गया।
महाकुंभ: आध्यात्मिक ऊर्जा का महासंगम
महाकुंभ केवल गंगा स्नान का पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, साधना, और धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने का अवसर है। इस वर्ष प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु गंगा मैया के दर्शन कर रहे हैं और संतजनों के सत्संग का लाभ ले रहे हैं।
📜 महाकुंभ की प्रमुख विशेषताएँ
✅ संत समागम – देश-विदेश के प्रसिद्ध संतों और महापुरुषों के साथ भक्ति व आध्यात्मिक चर्चा।
✅ गंगा स्नान – मोक्ष प्राप्ति के लिए संगम में डुबकी लगाने का पवित्र अवसर।
✅ धार्मिक आयोजन – श्री शिव सेवा महापुराण कथा, भागवत कथा, रामायण पाठ, हवन और भजन संध्या।
✅ विश्व कल्याण की प्रार्थना – संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए विशेष पूजा एवं अनुष्ठान।
भक्ति और साधना का अद्वितीय संगम
महाकुंभ के इस पावन अवसर पर श्री शिव सेवा महापुराण कथा और संतों का दिव्य मिलन भक्तों के लिए अविस्मरणीय अनुभव रहा। पूज्य गुरुदेव जी की प्रेरणा से हजारों श्रद्धालु शिव भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
आइए,
हम सब मिलकर इस दिव्य आयोजन का लाभ उठाएँ
और शिव भक्ति में लीन होकर जीवन को सार्थक करें!
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